पारद शिवलिंग क्या होता है - AN OVERVIEW

पारद शिवलिंग क्या होता है - An Overview

पारद शिवलिंग क्या होता है - An Overview

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मनः शांति: स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है। नियमित पूजा से मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।

वरील पद्धतीने रोजची पूजा करू शकता पण पहिल्या दिवशी स्थापन करताना जो पहिला अभिषेक असेल तेव्हा पंचामृताने अभिषेख करावा नंतर ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं किंवा नमः शिवाय ने १०८ बेल शिव पिंडीवर अर्पित करावा त्यावर प्रत्येक वेळी बेलावर चंदन लावून हा अर्पण करावा थोडा वेळ लागला तरी चालेल. 

भक्ति:सावन माह में करें पारद शिवलिंग की पूजा, पारे से बना छोटा सा शिवलिंग रखें घर में, इससे वास्तु दोष भी हो सकते हैं दूर

पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है। रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है। रावण को रस सिद्ध योगी भी माना गया है, और इसी शिवलिंग का पूजन कर उसने अपनी लंका को स्वर्ण की लंका में तब्दील कर दिया था।

सर्वप्रथम प्रतिमा को गंगाजल एवं कच्चे दूध से नहलाएं।

असे झाले कि एका प्लेट मध्ये सफेद कापड ठेऊन त्यावर शिवलिंगाची स्थापना करावी. 

त्यामुळे त्यात शिवाचा वास असल्याने जे जे संसार रुपी मानव आहेत त्यांनी पाऱ्याच्या शिवलिंगाची उपासना करावी असे त्यात म्हटले आहे.

साथ ही अपने आसपास गंगाजल, रोली, मोली चावल, दूध और हल्दी चंदन रखना चाहिए।

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ब्रह्मचारिणी – ह्रीं श्रीं अम्बिकायै नमः।।

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पारद और स्फटिक शिवलिंग की स्थापना किसी विद्वान पंडित के मार्गदर्शन में विधि-विधान के अनुसार ही करनी चाहिए। इन शिवलिंगों को स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन भी आवश्यक माना जाता है। साथ ही, इनकी नियमित रूप से पूजा करना महत्वपूर्ण है।

इसके पश्चात जिस स्थान पर भी इसे स्थापित करें उस जगह की पहले साफ़ सफाई जरूर कर लें।

दिया साथ जब मैरो जी का बनहने लगी चौसठ योगिनि पारद शिवलिंग की चढ़ गई बैल

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